इस्पोर्ट्स की दुनिया में महिलाओ की स्थिति और उनके योगदान
आज Women’s Day के अवसर पर सभी महिलाओं को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाए! आज भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना एक ख़ास पहचान बना रही है, जिसमे इस्पोर्ट्स इंडस्ट्री भी पीछे नहीं रहा है। भारत में इस्पोर्ट्स इंडस्ट्री तेजी से विस्तार कर रहा है और ख़ुशी की बात यही है कि महिलाएं भी इस इंडस्ट्री में सक्रीय रूप से हिस्सा ले रही है। गेमिंग इंडस्ट्री शुरू से ही पुरुष-प्रधान रहा है, इसके बावजूद कई उत्साही महिला प्लेयर इस कथन को बदल रही है और इस इंडस्ट्री में जोर-शोर से हिस्सा ले रही है। यह पूरे भारतीय समाज के लिए गर्व की बात है।
परन्तु यह भी सच है कि कई असुविधाओं की वजह से इस इंडस्ट्री में कई महिला प्लेयर्स हिस्सा नहीं ले पा रही है या लेने के बाद भी उन्हें वह अवसर नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वे हक़दार है। हाल में की गयी रिपोर्ट के अनुसार, विश्व भर में लगभग 72% गेमर्स पुरुष और 28% ही महिला है।
इस्पोर्ट्स इंडस्ट्री में लैंगिक भेदभाव
इस्पोर्ट्स इंडस्ट्री में लैंगिक भेदभाव सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। पूरे विश्व भर में पुरुष और महिलाओ को एक साथ कदम मिलाकर चलने की जहाँ लोग बात करते है, वही दूसरी ओर महिलाओं को उचित मात्रा में वह सुविधाएं नहीं मिल पाती, जिससे वे भी आगे बढ़ सके। भारतीय संविधान में भी पुरुष ओर महिलाओ को सामान अधिकार दिया गया है, फिर भी महिला प्लेयर सिमित संख्या में है और इसलिए उनके लिए अवसर भी सिमित है।
भारतीय सरकार का महिला प्लेयर्स को समर्थन
इस साल हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित इंडिया गेमिंग शो 2023 ने भारत में गेमिंग इंडस्ट्री में नई ऊंचाइयों को देखा। क्योंकि स्काईस्पोर्ट्स और विंडोज 11 द्वारा पहली ऑल-फीमेल वेलोरेंट लैन की आयोजना की गयी थी। पंद्रह महिला प्लेयर्स टीम ने गेम में अपने कौशल और प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसमें एक टीम ग्रेस ईस्पोर्ट्स ने वेलोरेंट टूर्नामेंट जीता। स्काईस्पोर्ट्स गेमिंग के CMO ग्नाना शेखर ने इंडियन गेमिंग शो 2023 के दौरान महिला प्लेयर को सशक्त बनाने पर अपने विचार व्यक्त किए।
गेमिंग CMO के अनुसार, भारत में पुरुष और महिला प्लेयर्स के बीच कोई कौशल अंतर नहीं है, क्योंकि यह प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करने और उन्हें सशक्त बनाने के बारे में है। उन्होंने बताया था कि कैसे ईस्पोर्ट्स केवल एक पुरुष प्रधान गेमिंग उद्योग नहीं है, और किसी को इसे सिर्फ पुरुष प्लेयर्स के रूप में नहीं सोचना चाहिए। पूरे समुदाय के ईस्पोर्ट्स दर्शकों और प्लेयर्स ने इस मामले पर अपना समर्थन व्यक्त किया, जिसे शेखर ने रेखांकित किया।
इतना ही नही, भारत के राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू IGS 2023 इवेंट में शामिल होकर उन्होंने शो के दौरान पहली “ऑल फीमेल वैलोरेंट LAN का समर्थन किया और गेमिंग इंडस्ट्री में महिला सशक्तिकारण के दायरे पर चर्चा की।
भारत की टॉप 3 महिला प्लेयर्स
भारत में बेहतरीन कौशल वाली कई महिला प्लेयर्स है, जो इस्पोर्ट्स में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही है और अपने गेम-प्ले को लाइव स्ट्रीम करती है। कई फीमेल स्ट्रीमर्स को ट्विच और यू-ट्यूब जैसी साईटो पर जबरदस्त सफलता भी मिली है। इन्ही महिला प्लेयर्स की वजह से हमारे भारत में भी शीर्ष महिला स्ट्रीमर है, जिन्होंने अपने लिए एक विशेष स्थान बनाया है। आज उन्ही में से कुछ ख़ास महिला प्लेयर्स के ऊपर चर्चा करेंगे-
पायल धारे- पायल धारे एक लोकप्रिय BGMI महिला कंटेंट क्रिएटर और स्ट्रीमर है। उनका यू-ट्यूब चैनल “Payal Gaming” नाम से गेमिंग कम्युनिटी में काफी लोकप्रिय है। उन्होंने 2020 में अपना यू-ट्यूब चैनल शुरू किया था और अभी उनके 2.88 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर है। वह कई युवा लडकियों के लिए प्रेरणा है, जो भविष्य में महिला गेमर बनना चाहती है।
सोनाली पंवार- सोनाली पंवार सबसे लोकप्रिय महिला स्ट्रीमर्स में से एक है, जो थाईलैंड में अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली महिला बन कर इतिहास रचा था। वह एक पूर्व CS: GO प्लेयर है और मध्य एशिया क्वालीफ़ायर में भारत का प्रतिधित्व कर चुकी है, पर अब वह वैलोरेंट में स्थान्तरित हो गयी है। उनके आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल “Meow16K” पर 60.5k सब्सक्राइबर है।
कृतिका ओझा- कृतिका ओझा पबजी की जानी-मानी प्लेयर है। उन्होंने अपने गेमिंग करियर की शुरुआत पबजी खेलकर की थी, पर गेम पर बैन लगने के बाद से अब वह तरह-तरह के गेम खेलती है, जैसे- वैलोरेंट और BGMI. कृतिका ओझा का यू-ट्यूब चैनल “Krutika Plays” के नाम से प्रसिद्ध है, जिस पर अब तक 633K सब्सक्राइबर है, जिसपर वह अब तक 464 विडियो अपलोड कर चुकी है। उन्होंने यू-ट्यूब चैनल को 4 जुलाई, 2016 में ज्वाइन किया था। उनके द्वारा अपलोड किये गए विडियो को प्रशंसको द्वारा काफी पसंद किया जाता है।
निष्कर्ष
महिलाएं, इस्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए असीमित संभावनाए पेश करती है। महिलाओ को इस इस्पोर्ट्स इंडस्ट्री में फलने- फूलने का अवसर देने के लिए कई शानदार इस्पोर्ट्स कार्यक्रम है। वही दूसरी तरफ गेमिंग में महिलाओ की स्थिति में सुधार और विकास तब ही हो सकेगा, जब वे आगे बढ़कर इसमें हिस्सा लेंगी और जब पूरी इंडस्ट्री महिलाओं के समर्थन में नए अवसर लाएंगे। हमारे महिला सशक्तिकरण पर पुराने आर्टिकल देखे- भारतीय गेमिंग उद्योग में महिला सशक्तिकरण पर ग्नाना शेखर के विचार